Saturday, June 1, 2013

POEM

.......तू इतना सुन्दर क्यूं है....................
.................क्यूं मै इतनी पागल हूँ.......... 
.......कमल से कोमल नैयनो से...............
.................क्यूं मै इतनी घायल हूँ..........
.......तेरी मंद-मंद मुस्कान सच है.............
.................या है यह मेरी कल्पना...........
...... सामने भी तू ही हैं ना......................
.................या है खुली आँखों का सपना....
.......श्यामल-श्यामल तेरा चितवन...........
.................या बादल कही छाया है..........
........तेरे अधरों ने कहा है कुछ................
.................या कानों ने मुझे भरमाया है...